कविता

रक्षाबंधन

हाथ में राखी ललाट पर चंदन ।
भाई बहन की पावन रक्षाबंधन ।।
स्नेह के  धार में बह रही दुनिया  ,
कौन कर सकता है महिमामंडन ।
जेब खाली अक्सर रहता भाईयों का ,
बहने जब देती है दिल से अभिनंदन ।
हाथों में राखी की डोर अति शुभनिय ,
सौभाग्य भाई ललाट पर लाल चंदन ।
लाख छुपाए कर ले दुश्मन दुनिया ,
अटूट है भाई बहन का  यह बंधन ।
हाथ में  राखी ललाट पर चंदन ।
भाई बहन की पावन रक्षाबंधन ।।
— ‘मनोजवम्’ 

मनोज शाह 'मानस'

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