गीतिका/ग़ज़ल

जय श्री राम

अयोध्या में आ गये हैं राम जय श्री राम
घर-घर में है एक ही नाम जय श्री राम
इसके भीतर बैकुंठ मिले जी भर पी लो
शक्ति भक्ति का है जाम जय श्री राम
दिव्य ज्योति की महिमा है मन्दिर के द्वारों पर
चाँद सितारों की है शाम जय श्री राम
शान्ति प्रदान करे है संतापों का नाश करें
मस्तिष्क में हैं चारों धाम जय श्री राम
अविद्या मिथ्याज्ञानादि रूप तिमिर के नाशक
संयम क्षमा सुख का अंजाम जय श्री राम
श्रद्धा सम्पन्न हृदयों में परमैश्वर्य सम्पन्न
सर्व विलक्षण अविनय दाम जय श्री राम
आराधना रूप से निखिल विमलानु ग्रह लाभ
बिगड़े हुए करते हैं काम जय श्री राम
श्रद्धालु मानव को एकाग्रता शोभन कर्म मिले
भक्ति में मधुर रस का पैगाम जय श्री राम
विविध सुखादि के प्रायोजक पूर्ण परमानंद
‘बालम’ पावन सत्यनाम जय श्री राम
— बलविन्दर ‘बालम’

बलविन्दर ‘बालम’

ओंकार नगर, गुरदासपुर (पंजाब) मो. 98156 25409