इतिहास

प्रिय ‘दासमुंशी’

पुण्यतिथि पर मा. प्रियरंजन दासमुंशी को सादर श्रद्धांजल ! जैसा रायगंज, वैसा कटिहार : हमारे प्रिय ‘दासमुंशी’ की दूसरी पुण्यतिथि पर सादरांजलि…. 2008 से कोमा में रहे केंद्रीय मंत्री माननीय प्रियरंजन दासमुंशी का निधन 2017 को आज के दिन ही हुआ था और वह भी तब जब उन्हें कोमा में जाने पर बिना विभाग का मंत्री UPA सरकार ने बनाये रखकर सम्मान दिया, किन्तु 2009 के लोकसभा चुनाव में उनके सीट पर उनकी पत्नी माननीया दीपा दासमुंशी कांग्रेस के टिकट पर विजयी हुई।

वर्ष 2014 में NDA की सरकार आ गयी और तब तक लोग ‘प्रिय’ को भूलते चले गए । वे रायगंज से थे तथा कटिहार और रायगंज के बीच ज्यादा दूरी नहीं है । जब वे रेल में सफ़र करते, तो कटिहार रूक ही जाते । एकबार मेरी मुलाकात प्रिय सर से हुई थी, बड़े हँसोड़ आदमी थे और ऐसे जीवट आदमी का कोमा में जाना कटिहार वासियों को अखरता रहा । आँखें तब से नम है,  श्रद्धांजलि, यथा-

“ज़िन्दगी एक है, पुनर्जन्म तो होंगे नहीं;
सबकुछ इसी जन्म में समेट लेना है सही !”

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.