गीत/नवगीत

देशभक्ति का गीत

भारत माँ का लाल हूँ,दे सकता हूँ जान।
करता हूँ मन-प्राण से,मैं इसका यशगान।
आर्यभूमि जगमग धरा,
बाँट रही उजियार।
आओ,हम सब नित करें,
भारत माँ से प्यार।।
इसकी गरिमा,शान पर,मैं हर पल क़ुर्बान।
भारत माँ का लाल हूँ,दे सकता हूँ जान।।
भगतसिंह,आज़ाद का,
अमर सदा बलिदान।
ऐसे पूतों ने रखी,
भारत माँ की आन।।
जो भारत की कर गए,हरदम रक्षित आन।
भारत माँ का लाल हूँ,दे सकता हूँ जान।।
जय-जय भारत देश हो,
बढ़े तुम्हारा मान।
सारे जग में श्रेष्ठ है,
कदम-कदम उत्थान।
धर्म,नीति,शिक्षा प्रखर,बाँटा सबको ज्ञान।
भारत माँ का लाल हूँ,दे सकता हूँ जान।।
तीन रंग की चूनरी,
जननी की पहचान।
हिमगिरि कहता है खड़ा,
मैं हूँ तेरी शान।
केसरिया बाना पहन,गाते जय का गान।
भारत माँ का लाल हूँ,दे सकता हूँ जान।।
अमर जवाँ इस देश के,
भरते हैं हुंकार।
आया जो इस ओर यदि,
देंगे उसको मार।
दुश्मन का हमने किया,हर युग अवसान।
भारत माँ का लाल हूँ,दे सकता हूँ जान।।
— प्रो.(डॉ.)शरद नारायण खरे

*प्रो. शरद नारायण खरे

प्राध्यापक व अध्यक्ष इतिहास विभाग शासकीय जे.एम.सी. महिला महाविद्यालय मंडला (म.प्र.)-481661 (मो. 9435484382 / 7049456500) ई-मेल-khare.sharadnarayan@gmail.com