बाल कविताशिशुगीत

कोआला


ऑस्ट्रेलिया में मिलता हूं,
वृक्षों पर मैं रहता हूं,
स्तनधारी जंतु हूं मैं,
नमी पसंद मैं करता हूं.
बच्चों-बुजुर्गों को प्यारा हूं,
आनंद का मैं पिटारा हूं,
मुझको गोद में सब लेते हैं,
शाकाहारी न्यारा हूं.

कोआला (Koala) ऑस्ट्रेलिया में पाया जाने वाला एक वृक्षों पर रहने वाला, शाकाहारी धानीप्राणी (मारसूपियल​) है। यह ‘फ़ैसकोलार्कटिडाए’ (Phascolarctidae) जीववैज्ञानिक कुल का इकलौता सदस्य है जो अभी तक विलुप्त नहीं हुआ है। यह पूर्वी और दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया के तटवर्ती क्षेत्रों में मिलता है लेकिन ऐसे भी अंदरूनी इलाक़ों तक विस्तृत है जो अधिक शुष्क नहीं हैं। २०वीं सदी में दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के अधिकतर कोआला मार दिए गए थे लेकिन फिर इन्हें विक्टोरिया से लाकर यहाँ पुनर्स्थापित कर दिया गया।
इसकी उंगलियों के निशान मनुष्य से मिलते-जुलते हैं

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244