बाल कविता

गर्मी की ऋतु

गर्मी की ऋतु
हर मौसम का अपना आनंद,
सब मौसम हैं हमको भाते,
सर्दी-गर्मी-वर्षा के संग,
हेमंत-बहार-शिशिर हैं आते.
गर्मी की ऋतु आई है,
ढेरों खुशियां लाई है,
तरह-तरह के आम रसीले,
लीची-लुकाट ले आई है.
गर्मी तेज पड़े तो आगे,
वर्षा भी अच्छी है होती,
भली भांति अन्न पक जाते हैं,
धरती पर खुशहाली होती.
धरती के सब कीट-कीटाणु,
तेज धूप में टिक नहीं पाते,
मक्खियां जाने कहां जाती हैं,
डरकर मच्छर भी छिप जाते.
आता खूब पसीना भले ही,
इससे भी तन स्वस्थ हो जाए,
हर मौसम का अपना आनंद,
गर्मी की ऋतु भी हमें भाए.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

2 thoughts on “गर्मी की ऋतु

  • *लीला तिवानी

    Cucumber in Summers: गर्मी में सुरक्षा कवच का काम करता है खीरा या ककड़ी, खाने से पास भी नहीं भटकेंगी ये 7 खतरनाक बीमारी
    1. शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या से बचाता है
    2. हड्डियों को स्वस्थ रखता है
    3. कैंसर
    4. हार्ट की बीमारी से बचाए
    5. डायबिटीज
    6. स्किन केयर
    7. सूजन

  • *लीला तिवानी

    आम का मौसम चल रहा है। सैकड़ों किस्मे हैं आम की। इसके बावजूद एक आदमी ने ऐसा आम बना डाला, जिसे देखकर आप दंग रह जाएंगे। हो सकता है खूब हंसी ही आ जाए। हालांकि, यह आम पेड़ पर ही उगा था, पर खुराफाती बंदे ने उसे ‘मैंगो पर्स’ (Mango purse) में तब्दील कर दिया.

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