कविता

कविता – छठ पूजा

छठ पूजा देश के प्राचीनतम
त्योहारों में से एक है
राष्ट्रपति प्रधानमंत्री ने बधाईयां दी है
हमें फ़क्र से महसूस हुआ हम सब एक हैं
बधाईयों का तांता देश को और विदेश में
बसे प्रवासी भारतीयों को देने लगे हैं
अनेकता में एकता का बहुमूल्य संदेश
पहले से अधिक मजबूत होने लगे है
छठ पूजा का महत्त अस्त होते सूर्य को
अर्घ्य देने में निहित है
छठ पूजा में श्रद्धालु कठोर उपवास कर पश्चात
समाप्ति पवित्र नदियों में स्नान कर करते हैं
छठ पर्व सूर्यदेव और समूची प्रकृति के साथ
हमारे अतःसंबंध को दर्शाने का अनूठा अवसर है
त्योहार प्रकृति के साथ हमारे शाश्वत जुड़ाव
मज़बूत करें पर्यावरण संरक्षण में हमारी मदद करें
— किशन सनमुखदास भावनानी

*किशन भावनानी

कर विशेषज्ञ एड., गोंदिया