कविता

कविता – हमारे ऊपर बुजुर्गों का साया है

हमने अपने जीवन में
सुख चैन रूपी बहुत
कुछ कमाया है
क्योंकि हमारे ऊपर
बुजुर्गों का साया है
घर में बुजुर्गों जरूरी है
क्योंकि ये भगवान हैं
कुछ बुजुर्गों की
अजीब कहानी है
ना खाने को रोटी
आंखों में बस पानी है
शरीर के हाथों हारे
यह मन के जवान हैं
हम सब को समस्याओं
से बचाया है
जीवन में पूरा परिवार
सुख चैन पाया है
जीवन में कभी ठोकर
नहीं खाया है
क्योंकि हमारे सिर पर
बुजुर्गों का साया है
समाज में सम्मान दिलाया है
जीने का तरीका सिखाया है
जिम्मेदार नागरिक का पाठ पढ़ाया है
क्योंकि हमारे ऊपर बुजुर्गों का साया है
— किशन सनमुखदास भावनानी

*किशन भावनानी

कर विशेषज्ञ एड., गोंदिया