कविता

बाघ

बाघ सदस्य बिल्ली – कुटुंब का 

पूर्ण रूप से मांसाहारी। 

लैटिन नाम ‘पैंथरा टिगरिस’

जिसका अर्थ है ‘तेज शिकारी’।

वन का बहेलिया कहलाता 

‘बिग कैट’ भी उसका नाम।

शक्ति और आक्रामकता का 

रूप दिखाना जिसका काम। 

बांग्लादेश, दक्षिण कोरिया 

मलेशिया और भारत का। 

राष्ट्रीय पशु कहलाता है 

शुभ प्रतीक अतुलित ताकत का। 

मोटे पीले रंग की चमड़ी 

जिस पर सौ से अधिक धारियाँ।

इन सबका पैटर्न अलग है 

जैसे भिन्न हों छाप – उँगलियाँ।

पीले बाघों की आँखों का 

रंग हमेशा होता पीला। 

श्वेत बाघ की आँखों का रंग 

प्राकृतिक होता है नीला। 

शक्ति के साथ – साथ बाघों की

बुद्धि बहुत होती है तेज। 

अपने से भी बड़ा जानवर 

जबड़ों में ले तुरत सहेज। 

है फुर्तीला चतुर शिकारी 

करता है छिप करके वार। 

इतनी होती जीभ खुरदरी 

देता छील तुरंत शिकार। 

पिछले पैर हैं लंबे होते 

बहुत अधिक मजबूत हैं टांग। 

इस कारण लंबी दूरी तक 

भर लेता है खूब छलांग। 

साथी से संवाद हेतु ही 

प्रायः करते तेज दहाड़। 

भोजन बाद शिकार बचे यदि 

उसे छिपाते करके आड़। 

अँधियारे में अधिक है दिखता 

प्रायः रात को करे शिकार। 

नींद भी लेता सोलह घंटे

नींद से करता बेहद प्यार। 

करने हित संवाद परस्पर 

अपनी पूँछ का करें प्रयोग। 

जल्दी – जल्दी पूँछ घुमाते

अधिक क्रोध का जब हो योग। 

बाघ के बिना नहीं वन होते 

वन के बिना न होते बाघ। 

सम्मुख मिमियाने लगते हैं 

एक से एक बड़े पशु घाघ।

बाघों को संरक्षण देकर

उनकी संख्या और बढ़ाएँ। 

जंगल – वन कटने से बचाएँ

अवैध शिकार पर रोक लगाएँ। 

— गौरीशंकर वैश्य विनम्र

गौरीशंकर वैश्य विनम्र

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