संस्मरण

मित्रता

कोरोना संक्रमण काल मे लॉक डाऊन में आने जाने पर प्रतिबंध हुआ था। ऐसे में मेरे मित्र का जमीन पर पानी गिरने से जमीन फिसलन भरी हो गई। उस पर पाँव रखते ही फिसल कर गिरने से उसकी हड्डी में फ्रेक्चर हो गया था। अस्पताल से उसे घर लाने और ऊपर दूसरी मंजिल पर ले जाना था। कोई मदद के लिए आगे नही बढ़ा। सब कोई न कोई बहाना बनाकर मदद के लिए आने को तैयार नही हुए। मित्र ने मुझे फोन किया और परेशानी बताई। मित्र का संदेशा मुझे भाव विभोर कर गया।मै तुरन्त अपने मित्र को सहयोग करने हेतु अस्पताल ले जाकर उसे उसके घर ले आया। मित्र की आँखों मे आँसू छलक पड़े। मैने कारण पूछा तो मित्र ने कहा- मित्र सब लोग संक्रमण काल मे एक दूसरे से दूर भागते है। रिश्तेदार भी मुँह मोड़ लेते है। मै मदद किससे मांगता।अच्छा हुआ। सच्चा मित्र ही कठिन समय पर काम आता है। जैसे कृष्ण और सुदामा। मित्र को कहा -ये तो मेरा फर्ज था। मैंने कोरोना गाइड लाइन का पालन कर मित्रता का फर्ज अदा किया। यदि इंसान है तो हममे ये भावना जरूर होना चाहिए। नही तो इंसान होने और मित्र बनाने का क्या मतलब। इन बातों को सुनकर मित्र के घर तबियत का हाल चाल पूछने आए लोगों में एक मदद की ऊर्जा अपने आप प्रेरणा स्वरूप समाहित हो गई।

— संजय वर्मा “दृष्टि”

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /antriksh.sanjay@gmail.com 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच