बाल कविता

अंतरिक्ष – यात्रा 

आओ! हम योजना बनाएँ 

अंतरिक्ष – यात्रा पर जाएँ 

चंदामामा के घर ठहरें 

धमाचौकड़ी वहीं मचाएँ 

नए – नए रहस्य जानेंगे 

मस्ती से छुट्टियाँ बिताएँ 

सौरऊर्जायान क्षितिज पर 

बड़े मजे से खूब उड़ाएँ

शून्य गुरुत्वाकर्षण में हम 

नवोन्मेष करके दिखलाएँ 

वहाँ न कूड़ा – कचरा फेंकें 

मोहक वातावरण सजाएँ 

मिट्टी, पानी, खनिज धातुएँ 

कई शीशियों में भर लाएँ 

वहाँ से देखेंगे धरती को 

हरियाली पर बलि – बलि जाएँ 

मंगल ग्रह अगला पड़ाव है 

अपनी बस्ती नई बसाएँ 

गगनयान ‘इसरो’ भेजेगा 

यात्रियों में नाम लिखाएँ 

— गौरीशंकर वैश्य विनम्र 

गौरीशंकर वैश्य विनम्र

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