कविता

अमूक कविता

कविता……
कितने क्यों मौन हो
क्या आती नही अभिव्यक्ति ?
या फिर जाती नही
अब भी अहम भक्ति ?

छोड़ दो न छंदों अलंकारों को
कम से कम  करो न
आत्म अभिव्यक्ति।
या फिर जाती नहीं
अब भी शकी अभिव्यक्ति ?

हिंदू हिंदुस्तान की शान है
थोड़ा तो सम्मान  रख लो
आता नहीं रस तो
भाव ही अभिव्यक्त कर लो
या फिर आती नहीं
भाव की अभिव्यक्ति भी?

— राजीव डोगरा

*डॉ. राजीव डोगरा

भाषा अध्यापक गवर्नमेंट हाई स्कूल, ठाकुरद्वारा कांगड़ा हिमाचल प्रदेश Email- Rajivdogra1@gmail.com M- 9876777233