मुक्तक/दोहा

दोहे

ख्याल नही  तेरा जिसे ,नहीं जिसे परवाह 

छोड़ उसे तू सोचना,मत कर उसकी चाह

कैसे निर्धन को यहां,मिले उचित उपचार

फीस बिना खुलते नहीं,अस्पताल के द्वार

भाईचारा अब कहां, कहां प्रेम,  सद्भाव

द्वेष,क्लेश हर ओर है,हैं खंजर के घाव

अस्त्र शस्त्र वो बेचते,चाहें हिंसा रोज

शान्ति लाने को चली,हथियारो की फोज

अंहकार किस बात का,होगा राख शरीर

अंत सभी का एक है,राजा रंक फकीर 

जब भी खुद से बात की,था एकाकी दोर      

दर्पण   पूछे  प्रश्न  अब,  ये तू  है  या और

मीत पुराना देखकर,बेकाबू जज्बात

हाल पूछते ही हुई,आँखो से बरसात   

बदले बदले खेत हैं,सूखे सूखे पात

धरती बंजर सी दिखे, तीखी है बरसात       

— शालिनी शर्मा

शालिनी शर्मा

पिता का नाम-स्वर्गीय मथुरा प्रसाद दीक्षित माता का नाम -श्रीमती ममता दीक्षित पति का नाम-श्री अनिल कुमार शर्मा वर्तमान स्थायी पता- केऐ-16 कर्पूरी पुरम गाजियाबाद फोन न0- 9871631138 जन्म एंव जन्म स्थान-09.04.1969, परीक्षित गढ़ गाजियाबाद उप्र शिक्षा एवं व्यवसाय-बीएससी बीएड़,अध्यापिका व सहायक NCC आफिसर (13 यूपी गर्ल्स बटालियन) प्रकाशित रचनाएं एवं विवरण-अमर उजाला काव्य में 48 रचनायें प्रकाशित, विभिन्न पत्रिकाओं में रोज रजनाएं प्रकाशित होती हैं,दो तीन सम्मान प्राप्त