लघुकथा

भिखारी

विद्यालय के वार्षिक जलसे में शिक्षा मंत्री ने शहर के जानेमाने उद्योगपति को बुलाया गया था । बार-बार घोषणा हो रही थी कि, आज के अति विशिष्ट अतिथि बस कुछ ही देर में पधार रहे हैं । दर्शक दीर्घा के आगे की पंक्ति में कई पत्रकार बैठे थे । सबके मन में मुख्य अतिथि को एक नज़र देखने की उत्कंठा बढती ही जा रही थी। 

अचानक एक किशोरवय बालक मंच पर आकर क्षमा याचना करते हुए अपने पिताजी के तरफ से माफी मांगी- “उपस्थिति गणमान्य एवं परम आदरणीय सभी सुधिजनों से मैं अपने पिता जी की ओर से क्षमा याचाना की आशा करता हूँ । उनकी तबीयत अस्वस्थ है , इसीलिए आप सबके बीच उपस्थित नहीं हो सकेंगे ।” यह कहते हुए, भीड़ और कोलाहल की ओर ध्यान दिये बगैर वह वापस जिस कार से आया था, उसी में जाकर पिछली सीट पर बैठ गया ।

उसके पिता बंद गाड़ी में पहले से बैठे थे , वह उनसे मुखातिब होते हुए बोला– “अच्छा किये पिताजी, आप मंच पर नहीं जाकर ।”

“अरे बेटा; सच में मैं आज स्वयं को अस्वस्थ महसूस कर रहा हूँ ।”

“जो भी हो , चैरिटेबल संस्था के नाम पर आपको लूटने वाले भिखारियों की वहां जमात बैठी थी ।”

— आरती रॉय

*आरती राय

शैक्षणिक योग्यता--गृहणी जन्मतिथि - 11दिसंबर लेखन की विधाएँ - लघुकथा, कहानियाँ ,कवितायें प्रकाशित पुस्तकें - लघुत्तम महत्तम...लघुकथा संकलन . प्रकाशित दर्पण कथा संग्रह पुरस्कार/सम्मान - आकाशवाणी दरभंगा से कहानी का प्रसारण डाक का सम्पूर्ण पता - आरती राय कृष्णा पूरी .बरहेता रोड . लहेरियासराय जेल के पास जिला ...दरभंगा बिहार . Mo-9430350863 . ईमेल - arti.roy1112@gmail.com