राजनीति

लोकसभा चुनाव 2024-भारतीय मतदाताओं की अचूक सजगता

दुनियां के सबसे बड़े लोकतंत्र और सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश भारत जिसकी जनसंख्या 140 करोड़ पार जिसमें करीब 90 करोड़ से अधिक मतदाता हैं यहां लोकल पंचायत समिति से लेकर भारतीय संसद तक चुनाव की लंबी फेहरिस्त है, जिसे शक्तिशाली संविधानिक संस्था चुनाव आयोग नियोजित करता है।समय समय पर परिस्थितियों के अनुसार अपनी रणनीति नियम विनियम व्यवस्थाएं उचित प्रक्रिया के अनुसार परिवर्तित करते रहता है। जहां, एक ओर गया वो ज़माना जब बैलेट पेपर पर ठप्पे लगाकर वोटिंगहोती थी और बूथ केबूथ कैप्चरिंग हो जाते थे तथा मतदाताओं को भगा दिया जाता था। वही, अब आधुनिक प्रौद्योगिकी के युग में हम प्रवेश कर गए हैं अब बैलेट पेपर के स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और सबसे बड़ा बहुत महत्वपूर्ण काम सी विजिल एप पर आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत है। अब हर गांव में करीब-करीब हर घर में या यूं कहें कि हर व्यक्ति के पास मोबाइल है जिससे वे कम्युनिकेशन व्हाट्सएप फेसबुकया अनेक वेब का उपयोग अपने-अपने स्तर पर करते हैं। परंतु अब समय आ गया है कि इसका उपयोग हम लोकसभा चुनाव 2024 में 19 अप्रैल 2024 को होने वाले चुनावों के लिए करें। 30 मार्च 2024 को नामांकन वापसी का अंतिम दिन निकलने के साथी उम्मीदवार निर्धारित तो गए हैं। अब हम मतदाताओं का काम शुरु हो गया हे कि कोई भी उम्मीदवार अगर आचार सीता का उल्लंघन करता है तो उसकी क्लिप बनाकर उसको चुनाव आयोग की एप सी विजिल पर अपलोड कर दें तो 100 मिनट के अंदर ही कारवाही निश्चित है, विशेष रुप से पैसे बांटने वाले कार्यकर्ताओं पर हममतदाताओ को नजर रखना है और चुपके से क्लिप निकालकर सी विजिल पर अपलोड करना है, परंतु इसके लिए चुनाव आयोग को जोरदार तरीके से जनजागरण अभियान चलाना जरुरी है, ताकि 19 अप्रैल 2024 के पहले वाली रात जो कत्ल की रात कहलाती है यानि 18 अप्रैल की रात को रात्रि पैसे बाटने कार्यकर्ता आए तो दूर से चुपचाप फिल्म बनाकर भेजना है। चूंकि दिनांक 29 मार्च 2024 तक 79 हजार से अधिकउल्लंघन की शिकायतें सी विजिल एप पर दर्ज हो चुकी है, इसलिए आज हम मीडिया वह पीआईबी में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, सी विजिनल एप का जनजागरण अभियान गांव गांव तक करने की जरुरत है ताकि चुनाव में पैसा बांटने की क्लिप सीधे चुनाव आयोग को भेजकर उम्मीदवार का पर्दाफाशकर सकें।

साथियों बात अगर हम सी विज़िल एप से मतदाताओं में रिकार्ड तोड़ सहजता की करें तो,भारत निर्वाचन आयोग का सी-विजिल ऐप लोगों के हाथ में चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन को चिन्हित करने का एक प्रभावी उपकरण बन गया है। आम चुनाव 2024 की घोषणा के बाद से आज तक 79 हज़ार से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं। प्राप्त 99 प्रतिशत से अधिक शिकायतों का समाधान कर दिया गया है और इनमें से लगभग 89 प्रतिशत शिकायतों का समाधान 100 मिनट के भीतर किया गया है। गति और पारदर्शिता सी-विजिल ऐप का मुख्य आधार हैं।प्राप्त 58,500 से अधिक शिकायतें (कुल शिकायतों का 73 प्रतिशत) अवैध होर्डिंग्स और बैनरों के खिलाफ हैं। प्राप्त 1400 से अधिक शिकायतें पैसे, उपहार और शराब वितरण से संबंधित थीं। लगभग तीन प्रतिशत शिकायतें (2454) संपत्ति के विरूपण से संबंधित हैं। आग्नेयास्त्रों के प्रदर्शन और धमकी से संबंधित प्राप्त 535 शिकायतों में से 529 का समाधान पहले ही किया जा चुका है। दी गई 1000 शिकायतें निषिद्ध अवधि के बाद प्रचार करने से संबंधित थीं, जिनमें अनुमत समय के बाद भी स्पीकर का उपयोग शामिल थासी-विजिल ऐप चुनावी निगरानी और अभियान की अव्यवस्था को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यह याद किया जा सकता है कि आम चुनाव 2024 की घोषणा के लिए आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में, मुख्य चुनाव आयुक्त श्री राजीव कुमार ने नागरिकों से सतर्क रहने और आदर्श आचार संहिता केउल्लंघन व मतदाताओं को किसी भीप्रकार के प्रलोभन के वितरण की जानकारी देने के लिए इस ऐप का उपयोग करने का आग्रह किया था। सी-विजिल उपयोगकर्ताओं के अनुकूल और संचालित करने में आसान एप्लिकेशन है, जो सतर्क नागरिकों को जिला नियंत्रण कक्ष, रिटर्निंग अधिकारी और उड़न-दस्ता टीमों से जोड़ता है। इस ऐप का उपयोग करके, नागरिक राजनीतिक कदाचार की घटनाओं की तुरंत कुछ ही मिनटों के भीतर जानकारी दे सकते हैं और उन्हें रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय में जाने कीआवश्यकता नहीं है। जैसे ही शिकायत सी -विजिल ऐप पर भेजी जाएगी, शिकायतकर्ता को एक यूनिक आईडी प्राप्त होगी जिसके माध्यम से वह अपने मोबाइल पर अपनी शिकायत की अद्यतन स्थिति के बारे में जान सकेगा। एक साथ काम करने वाले कारकों की त्रिमूर्ति सी-विजिल को सफल बनाती है। उपयोगकर्ता वास्तविक समय में ऑडियो, फोटो या वीडियो को संकलित करते हैं और शिकायतों पर समयबद्ध कार्रवाई के लिए 100 मिनट की उलटी गिनती सुनिश्चित की जाती है। जैसे ही उपयोगकर्ता उल्लंघन की रिपोर्ट करने के लिए सी-विजिल में अपना कैमरा चालू करता है, ऐप स्वचालित रूप से एक जियो-टैगिंग सुविधा को सक्षम कर देता है। इसका मतलब यह है कि उड़न दस्ते रिपोर्ट किए गए उल्लंघन का सटीक स्थान जान सकते हैं और नागरिकों द्वारा खींची गई तस्वीरों को कानून की अदालत में सबूत के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। नागरिक गुमनाम रहकर भी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।यह ऐप प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने और मतदाताओं व राजनीतिक दलों को सुविधा प्रदान करने के लिए आयोगद्वारा बनाएगएविभिन्न ऐप्स में से एक है। 

साथियों बात अगर हम लोकतंत्र में चुनाव जीतने के लिए पैसे बांटने रुपी भ्रष्टाचार को तोड़ने भारत के बहुत आगे बढ़ने की करें तो, दिनांक 29 मार्च 2024 को माननीय उपराष्ट्रपति ने एक कार्यक्रम में कहा था, लोकतंत्र को कई पहलुओं में परिभाषित किया जाना चाहिए। लोकतंत्र के कुछ पहलू सशक्त, आवश्यक और अविभाज्य हैं और यह हमारे संविधान में शामिल है। संविधान की प्रस्तावना,विशेष रूप से संविधान के भाग 3 में मौलिक अधिकार, संविधान के भाग 4 में मौलिक कर्तव्य और अगर हम आगे देखते हैं तो हम पाएंगे कि एक संरचना तैयार है, लेकिन जमीनी स्तर पर इसे फलीभूत करने के लिए, जमीनी स्तर पर इसे साकार करने के लिए लोक प्रशासन है।आपके पास अच्छी नीतियां हो सकती हैं, महान दृष्टिकोण हो सकती है, लेकिन अगर इसे वास्तविक बनाने के लिए लागू नहीं किया जाता है, तो लोगों को लाभ प्राप्त नहीं होगा। इस प्रकार, जब मैं 1989 में लोक सभा के लिए चुना गया तो मुझे इसे नजदीकी से देखने का अवसर प्राप्त हुआ। मुझे केंद्रीय मंत्री के रूप में देश की सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इसलिए, मैं सार्वजनिक व्यवस्था के मुद्दे पर, अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर, वैश्विक स्तर पर हमारी छवि पर, हमारे लोगों की आशा एवं आकांक्षा पर, उनकी हताशा को स्पष्ट रूप से याद कर सकता हूं क्योंकि मुझे इसे देखने काअवसर प्राप्त हुआ है।यह 20 से ज्यादा पार्टियों का टकराव वाला शासन था। मेरे पास इस समय की बेहतर यादें हैं। हमारीअर्थव्यवस्था चिंता का कारण थी,हमारा विदेशी मुद्रा भंडार घट रहा था। यह 1 बिलियन डॉलर या 2 बिलियन डॉलर के बीच में फंसा हुआ था।हमें उस दर्द को सहना पड़ा, जिसे कभी याद नहीं करना चाहिए कि हमारी विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए हमारे भौतिक सोने को स्विट्जरलैंड के दो बैंकों में रखने के लिए एयरलिफ्ट किया गया था। मैं इसका गवाह रहा।जो लोग हमें सलाह देते थे, वे हमारी सलाह ले रहे हैं। विश्व बैंक के अध्यक्ष भारत में आते हैं, हमारे डिजिटल पहुंच के बारे में बात करते हैं और कहते हैं कि भारत ने 6 वर्षों में वह प्राप्त किया है जो 40 वर्षों में प्राप्त नहीं किया जा सकता है, वह पूरी दुनिया से भारत से सबक सीखने की वकालत करते हैं। डिजिटल अवसंरचना में भारत उनकी मदद करेगा।वैश्विक डिजिटल लेनदेन का 50प्रतिशत इस देश में होता है। इसके अलावा, हमारे नागरिकों में प्रौद्योगिकी के अनुकूल बनने की क्षमता है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। आपके दरवाजे पर तकनीक है; इंटरनेट का उपयोग अब हर नुक्कड़ और कोने में उपलब्ध है, इसका इष्टम उपयोग करें। लोकतंत्र का तब तक कोई मतलब नहीं होता है जब तक कि कानून का शासन, एक मौलिक पहलू, कानून के समक्ष समानता न हो। अगर मेरे पास किसी और की तुलना में समान अधिकार नहीं हैं, तो मेरी ऊर्जा कम हो जाएगी। मैं लोकतंत्र का लाभ नहीं उठा पाउंगा। लोकतंत्र में अपनी वंशावली की अनदेखी करते हुए सभी को एक समान बनना होगा। वह पहले नहीं था। विशेषाधिकार, वंशावली, कुछ लोगों ने सोचा कि हम इसका हिस्सा हैं, हम कानून से ऊपर हैं, हम कानून सेप्रतिरक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उसे ध्वस्त किया गया है। कानून के समक्ष समानता एक नया मानदंड है।जब कानून का शासन है तो किसी व्यक्ति या संस्था के सड़क पर उतरने की क्या आवश्यकता है? हमारी न्यायिक प्रणाली तक सबकी पहुंच है और हमारी न्यायपालिका ने अपनी शक्ति, अपनी स्वतंत्रता, समझ, जन-केंद्रित दृष्टिकोण की पुष्टि की है।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि लोकसभा चुनाव 2024 भारतीय मतदाताओं की अचूक काबिल-ए-तारीफ़ सजकता को सैल्यूट।आचार संहिता उल्लंघन शिकायत एप सी विजिल पर अब तक 79 हज़ार से अधिक उल्लंघन की रिकार्डतोड़ सूचनाएं प्राप्त।सी विजिल एप का जनजागरण अभियान गांव-गांव तक चलानें की जरुरत,ताकि चुनावों में पैसा बांटने को लेकर सीधे चुनाव आयोग में उम्मीदवार का पर्दाफाश हो।

— किशन सनमुखदास भावनानी

*किशन भावनानी

कर विशेषज्ञ एड., गोंदिया