कविता

प्रभु की महिमा

जीवन में कुछ समझ न आएं, तब मन अधिक घबराएं

कुछ न जब उम्मीद दिखाई न दें, प्रभु के ऊपर सब छोड़ दें

जब दुख सुख वही देता , उसका निवारण भी वही करता

उसको सब कुछ पता रहता, किसको कब क्या उसको देना

सब कुछ समय आने पर होता, किस्मत के आगे जोर किसी का न होता

जो भाग्य में जिसके लिखा होता,  प्रभु यह  का इशारा होता

कर्म हम करते फल वो देता, बुरे कर्म का फल यही भुगतना होता

वह भी चला जाता जो भाग्य में होता, कर्म के अनुरूप ही सब होता

— पूनम गुप्ता

पूनम गुप्ता

मेरी तीन कविताये बुक में प्रकाशित हो चुकी है भोपाल मध्यप्रदेश

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