कविता – शुभ दीपावली
माँ श्यामा
दूर करो मन की कालिमा
फूटे हर मन में प्रेम की लालिमा,
दूर करो दैन्य भाव
न रहे नफरत की ज्वाला।
चतुर्दिक हो आलोकित
जलती रहे दीपमाला।
तुम लक्ष्मी, तुम धात्री,
अन्नपूर्णा !
भर दे घर का कोना- कोना
खेत खलिहान में उगे सोना।
माँ श्यामा
दूर करो मन की कालिमा।
— निर्मल कुमार दे