आओ, सोम-सरोवर के भक्ति रस-जल में स्नान कर आनन्दित हों
ओ३म् सामवेद उपासना तथा ईश्वर की स्तुति-गान का वेद है। उपासना ईश्वर के पास बैठकर आनन्द में सराबोर होना है।
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Read Moreओ३म् स्वामी चित्तेश्वरानन्द सरस्वती जी का प्रवचन श्री मद्दयानन्द आर्ष ज्योतिर्मठ गुरूकुल, पौंघा-देहरादून के वार्षिकोत्सव में अपने व्याख्यान में आर्य
Read Moreओ३म् जय विजय साइट पर “दशरथ की कूटनीति” शीर्षक एक लेख प्रकाशित है। इसकी कुछ बातों पर हमें आपत्ति है।
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Read Moreओ३म् वैदिक विद्वान पं. वेदप्रकाश श्रोत्रिय का प्रवचन आर्य जगत के सुप्रसिद्ध वैदिक विद्वान पण्डित वेदप्रकाश श्रोत्रिय ने श्रीमद्दयानन्द आर्ष ज्योतिर्मठ
Read Moreओ३म् सुप्रसिद्ध वैदिक विद्वान डा. ज्वलन्त कुमार शास्त्री का प्रवचन आर्यजगत के सुप्रसिद्ध विद्वान डा. ज्वलन्त कुमार शास्त्री ने गुरूकुल
Read Moreओ३म् देहरादून की धरती सन् 1879 में पहली बार महर्षि दयानन्द जी के चरणों से पवित्र हुई थी जब वह
Read Moreओ३म् महर्षि दयानन्द ने अपने जीवनकाल में देश में सर्वांगीण क्रान्ति की थी। वर्णाश्रम व्यवस्था में आये प्रदुषण को उन्होंने
Read Moreओ३म् प्रार्थना एक प्रकार की विनती है जो हम किसी वस्तु को किन्हीं दूसरों से मांगने के लिए करते हैं।
Read Moreओ३म् आज 69वें जन्म दिवस पर परम पिता परमात्मा ने सृष्टि के आरम्भ में संसार के सभी मनुष्यों के पूवर्जों
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