जग में…
हमारी कई धारणाएँ कभी – कभी गलत भी हो सकती हैं दुनिया में …. न कोई सच हमेशा के लिए
Read Moreहे प्यारे नन्हा मुन्ना ! यह कभी भूल न जाना अमित बल है तुम्हारे अंदर ढ़क लो, ढक लो तुम
Read Moreवह गायब है कूकना भूल गयी है वह पेड़ों में खेतों में वन – उपवनों में दिल से निकली उस
Read Moreकभी – कभी जीवन में बरसात आती है आगे के कदम बढ़ने नहीं देती डरावनी गर्जना होती है चारों ओर
Read Moreजानते हो तुम ! ” जय भीम ” क्या है? भीम कौन हैं? भीम कोई देवता नहीं ममता – समता
Read Moreकमी है इस दुनिया में स्वच्छा हवा, स्वच्छ जल संतुलित भोजन, सम विचार। आडंबर, चमक – धमक के मोह में
Read Moreविरोधी लगता हूँ मैं अंध परंपरा के आवरण में ! सच को सच झूठ को झूठ बोलना, अंधा श्रद्धा के
Read Moreधर्म किसी का भी हो, उसका स्थाई रूप नहीं होता है। परिवर्तनशील जगत के साथ उसका परिवर्तन जरूर होता है।
Read Moreबच्चे की भावनाएँ जन्म के साथ होती हैं। वह अपनी माँ के पेट में ही बहुत कुछ सीखता है। परिवार
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