/ वात्सल्य /
बेटे की प्रतिभा हरेक पिता को लगती है अपनी प्रतिभा उस बेटे में पिता अपने आपको देखने लगते हैं कि
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Read Moreबातों को छिपाकर चलना एक तरीका है जीने का अबोध के आवरण में खतरा भी है, भीतर और बाहर एक
Read More/ जाति मरेगी कैसे? / दलित शब्द के अर्थ को लेकर एक लंबी चर्चा कई सालों से चल रही है।
Read Moreपीड़ा थी मेरे सिर पर नींद आती है कहाँ स्मृति की रेखाएँ घिसने लगी हैं दर्द को मेरे दिल पर
Read Moreसबका विचार एक जैसा कभी नहीं होता, देश, काल, परिस्थितियाँ इंसान को चलाती हैं कोई ऊँच या नीच नहीं होता
Read More/ सच के आईने में.. / हाँ, गंदे हैं वे मट – मैले भरे रहते हैं बदबू आती है जिनके
Read Moreजीना है तो सीखना है बहुत बड़ी बेमतलबी है यह दुनिया जब हम चुप रहते हैं तो अन्याय का शिकार
Read Moreबेकार है सारी जिंदगी उसकी अपने आपमें रहना, अपने आपको समझना सरल नहीं है, सबको मनुष्य के उस दौड़- धूप
Read Moreमृत्यु नहीं हुई मेरी शव नहीं हूँ मैं एक प्यास है, जिंदगी का अहसास है वाद है मेरे अंदर अपने
Read Moreहर जगह हम एक जैसा चल नहीं पाते कि रास्ते में कंकड – पत्थर, काँटे भी होते हैं रास्ता हर
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