संस्कार
माना कि आधुनिकता का मुलम्मा हम पर चढ़ गया है, हमनें सम्मान करना जैसे भुला सा दिया है। पर ऐसा
Read Moreपिता पुत्र को जीवन के ढंग बताता है, संघर्ष करते हुए हौसले के गुण सिखाता है। जीवन जीने के लिए
Read Moreतपती धूप जान ले लेगी जैसे दम निकला। ***** हाय रे गर्मी चैन न पल भर दम घुटता। —— ऐसा
Read Moreधीरज धरो न बेचैन हो, मिलने की खातिर न ही अधीर हो। समय मुश्किल है हालात प्रतिकूल है, पर ये
Read Moreअचानक एक दिन मेरे मन में भी कवि बनने का भाव आया, कारण कि मेरे पड़ोसी ने कवि बनकर खूब
Read Moreबस ये ही तो गड़बड़झाला है तुझे ये सब कहाँ समझ में आने वाला है। तुझे तो सत्यवादी बनने का
Read Moreसमयचक्र और आधुनिकता की भेंट चढ़ गईं हमारे गाँव की गलियां, लगता ऐसे जैसे कुछ खो सा गया है, अपनापन
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