चिरकालिक व्यथा
मैं कब से देख रही थी उसे,अथाह पीड़ा के साथ – साथ उसकी आंखों में घृणा की ज्वाला भी धधक
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Read Moreभले ही नियति ने उसे शहनशाह नहीं बनाया हो, पर नीयत का शहनशाह तो वह था ही. उसने कभी कुर्सी
Read Moreरेल में यात्रा करते समय मेरे कान कुछ सुनने के लिये मचल गये। आँखों में आँसू आ गये! ह्रदय पर
Read Moreरमेश की पत्नी का बेटे के विवाह के कुछ दिनों बाद ही निधन हो गया| पत्नि के बिना घर रमेश
Read Moreअपनी जिंदगी से निराश सूरज अचानक दौड़ पड़ा था कुएं की ओर । इससे पहले कि वह कुएँ में छलाँग
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