अहसास
”चांदनी रात में अभिसार का मजा कुछ अलग ही है न!” नंदिनी के मौन ने कहा था. कितनी खुश थी
Read Moreबिहार दिवस का उल्लास चहुँ ओर बिखरा पड़ा नजर आ रहा… मैं किसी कार्य से गाँधी मैदान से गुजरते
Read Moreदिन भर की भागदौड , बच्चों के नखरे ,पति की शिकायतों, सास के उलाहने में ही सारा दिन निकल जाता। इन
Read Moreकुम्भ के मेले में बिछड़ एक बुढिया सीढियों पर बैठी अपने परिवार का इन्तजार कर रही थी| तभी एक सज्जन
Read Moreसड़क पर बहुत भीड़ थी। बहुत सारी गाड़ियों से चर्र चर्र आवाज़े आ रही थी। लग रहा था कुछ
Read Moreउम्मीद करना एक जगे हुए व्यक्ति के सपने देखने के समान है. साइना नेहवाल ने एक जगे हुए व्यक्ति के समान
Read Moreइधर कुछ दिनों से राम जानकी का छोटा सा मंदिर भक्तों के आकर्षण का केंद्र बना था। मंदिर में कहीं
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