लघुकथा – दिवाली का उपहार
मंत्रीजी सौफे पर पड़े – पड़े टेलीविजन के चैनल बदल रहे थे, तभी उनका निजी सहायक भोला राम अपने माथे
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Read Moreमेरी एक सहकर्मी उमा ने बताया कि -“”उसके भाई और बहिन की एक्सचेंज मैरिज है ”| मैंने पूछा- “ऐसा क्यों
Read Moreजी हाँ सर, मुझे आज भी याद है 1978 की वह शाम जब मैंने माँ दुर्गा जी का दर्शन कलकत्ता
Read Moreधनदेबी क्षोभ की प्रतिमा बनी एक औरत पेड़ के नीचे लाठी पकड़ी चुपचाप बैठी थी| अनजान दो आंखे उसे कुछ
Read Moreउमा के पति रमेश ने अपने बड़े बेटे को फोन किया और कहा – गीता दीदी की डिलीवरी आने वाली
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