कविता : कुछ एहसास हुआ था…
हमने उसे जब छुआ था, कुछ एहसास हुआ था, साँसे थी वो उसकी, या सिगार का धुआँ था! हमने उसे
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Read Moreयू ही खिड़की पे बैठे बैठे, सुबह से शाम कर दी, जैसे अपनी ज़िंदगी उस,, आसमां के नाम कर दी,
Read More1- दिखता जो होता कहाँ, दृश्य धुंध नहि साँच, भाई बेटा द्वय सगे, किसको आए आँच किसको आए आँच, कौमुदी
Read Moreसुप्रभात सभी मित्रों को अँग्रेज़ी नववर्ष २०१७ की अनंत शुभकामनाएँ प्रेम में शबरी मिले हरि , प्रेम में गणिका तरी।
Read Moreआज़ादी दिलवाई हमको , जिन लोगो ने लड़ लड़ के भूल गये हम सारे उनको , झूठी बाते पढ़ पढ़
Read Moreसाधना के उपाय हैं, मगर साधना नहीं नीति के अमूल्य वचन हैं, तो आचरणा का नहीं शांति की बातें रटते
Read Moreअति बुरी होती है साँसों की हो या संयम की विचलन की हो या विभोर की प्रेम की हो या
Read Moreरूपये का पचास पैसा या उनचास पैसा ही लेकर ,अपने पिता के घर से आई स्त्री , महीने के 15
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