मेरी ख़ामोशी
ख़ामोशियों की भी अपनी एक ज़ुबान होती है कुछ ना कहकर भी सब कुछ कह देती है ख़ामोशी दिल को
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Read Moreठीक उसी तरह जैसे अपने अनुभबों,एहसासों ,बिचारों को यथार्थ रूप में अभिब्यक्त करने के लिए जब जब मैनें लेखनी का
Read Moreसवाई छंद/समान सवैया/32 मात्रिक छंद “वन्दना” इतनी ईश दया दिखला कर, सुप्रभात जीवन का ला दो। अंधकारमय जीवन रातें, दूर
Read Moreतेरे घर की सेवंई मेरी खीर सरबत का रंग तेरा मेरा नीर मेरी अज़ान पे हो तेरी नमाज़ तेरी दुआ पे हो
Read Moreयह अश्क भी क्या खूब, हम बेटियों से खेलते हैं इक ही पल मे यह क्यों, गम और खुशी के
Read Moreजब खुद से मानव जुड़े, तब मिलता इंसान ईद दीप नेकी खिले, जब हँसता इंसान जब हँसता इंसान, ताकत तन
Read Moreतुझसे प्यार की उम्मीद करती हूँ तभी तो मैं तुझसे नाराज़ होती हूँ तू आएगा मुझे मनाने ये जानती हूँ
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