भक्ति रस

कविताभजन/भावगीत

समान सवैया “वन्दना”

सवाई छंद/समान सवैया/32 मात्रिक छंद “वन्दना” इतनी ईश दया दिखला कर, सुप्रभात जीवन का ला दो। अंधकारमय जीवन रातें, दूर

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