यादें…..
यादें कभी ठहरती नहीं वो बहती रहती है नदी की भांति कभी उफनती है तो कभी शीतलता का सुकून भी
Read Moreपृथ्वी की प्रकृति पृथ्वी की इस प्रकृति ने दिया है हमें जीवन दान पृथ्वी की मिट्टी के हर कण ने
Read Moreमासूम चेहरा मस्त अदाएं एक बार देखे तो जी भर जाये ऐसा है मेहबूब मेरा होठ गुलाबी नयन शरबती गाल
Read Moreओ३म् –राष्ट्रकवि एवं ऋषिभक्त डॉ. सारस्वत मोहन मनीषी की नई पद्य रचना- डॉ. सारस्वत मोहन मनीषी जी निष्ठावान आर्यसमाजी एवं
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