एक फूल दो माली
पुराने समय की बात है, मेवाड़ के नगर सेठ का पुत्र “नीर ” बहुत सुंदर साहसी और कार्य में कुशल
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Read Moreएक लड़की थी रिया। जीवन के 17 सावन पार कर चुकी थी ।अल्हड़, हंसमुख, निश्चल, दुनियादारी से दूर, अपने आप
Read Moreसुबह सूरज़ की पहली किरण के साथ ही उठ जाना और अपने-अपने काम में लग जाना यही क्रम रोज़ का
Read Moreइस दीपावली वह पहली बार अकेली खाना बना रही थी। सब्ज़ी बिगड़ जाने के डर से मध्यम आंच पर कड़ाही
Read More“हैल्लो भाभी….घर कब आ रही हो?” गुंजन अपने भाभी को फोन पर पूछने लगी । “साहब क्या कर रहे हैं….जो
Read Moreमोहनलाल की बाजार में मिठाई व नाश्ते की एक दुकान थी । दिवाली में पिछले साल की मंदी को ध्यान
Read Moreपथिक अपने पथ पर वेहिचक चला जा रहा था। काली सनसनाती रात सूनसान सडक विरानों की सन्नाटा के बीच वह
Read Moreछोटी देवरानी ने ‘भाभी जी, दिवाली मुबारक हो’ कहते हुए घर में प्रवेश किया और दिये जलाती हुई जाह्नवी की
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