लघुकथा – वाट्सएप
वाट्सएप पर सुबह सुप्रभात एवं रात्रि में शुभ रात्रि के सन्देशों से बहुत समय नष्ट हो रहा था एवं इनकी कोई
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Read Moreजीवन की दोपहर में पत्नी की मृत्यु से मुझे बुढापे की चिंता होना स्वाभाविक थी। इकलौती सन्तान बेटी के विवाह के
Read More“नहीं, नहीं, नहीं क्षितिज अब और यह सब मुझसे नहीं होगा। अपने आप पर बहुत जुर्म कर लिया मैंने। तुम्हारी
Read Moreशैला आज सुबह से घटनाक्रम में क्रमशः होते बदलाव पर मंथन कर रही थी. किससे कहां पर गलती हो रही
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