परहेज़
वे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एक सब ब्रांच में चोरी करने आए थे. यों तो चोरी के लिए चोरों
Read Moreस्पाइस गार्डन मुझे तो इतना अच्छा लगा था कि इस की याद अभी तक आती है। पूरा गार्डन तो हमें
Read Moreरामू एक दिहाड़ी मजदुर था । सरकार के नोट बंदी के फैसले से खासा उत्साहित हमेशा की तरह नुक्कड़ पर
Read Moreएकदूसरे को देखा. सब याद आ गया. ऊन दोनों के पिता नही चाहते थे कि उन का प्रेम परवान चढ़े.
Read Moreमैं जिस विद्यालय में उपप्रचार्या के पद पर कार्यरत थी, उसी विद्यालय में एक सुमिता. नाम की स्त्री मेरे कार्यालय
Read Moreअनिता सैर करके आई ही थी, कि जीवन ने जाली के दरवाज़े की आवाज़ सुनकर पर्दे से झांककर देखा. अनिता
Read More” आज खूब रगड़- रगड़ कर हाथ धो रहे हैं, क्या बात है ?” पत्नी ने रतन बाबू से पूछा।
Read Moreआज लगभग एक साल हो गया उसको देखते हुए वह प्रति दिन प्रातः काल ठीक आठ चालीस पर उसके घर
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