यशोदा
डोरबैल बजते ही मैने दरवाजा खोला सामने मुश्किल से दो महीने के बच्चे को गोद में लिए मेरे घर में
Read More‘मानव बम’ एक महिला थी । ममता बरसानेवाली एक महिला क्या इतनी क्रूरतम भी हो सकती है भला ? किसी
Read Moreअपने दादाजी को कभी नहीं देखा, मेरी दादी के पैर छूते हुए । पिताजी को भी नहीं देखा है, माँ
Read Moreकभी खूब वर्षा, कभी रिमझिम बारिश ! कभी सूरजमल सेठ का आकाशी प्रहार !! कभी बिजली ऐसी कि पंखे से
Read Moreकहने को जमींदार रह गए हैं, अकड़ कर कहते फिरेंगे, अरबों संपत्ति है, किन्तु जब टैक्स देने की बात आएगी,
Read Moreराजमोहन गांव के बड़े जमींदार थे।गांव वालों की नजर में उनकी छवि सदा ही एक सम्मानित एवं साफ सुथरी व्यक्ति
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