कहानी घर घर की
हेलो माँ ! कैसी हो ? ठीक हूं बेटा! तुम कैसी हो? बस!! अच्छी हूं माँ क्यों बेटा! आज आवाज़
Read Moreहेलो माँ ! कैसी हो ? ठीक हूं बेटा! तुम कैसी हो? बस!! अच्छी हूं माँ क्यों बेटा! आज आवाज़
Read Moreअवकाश प्राप्त प्रोफेसर हूँ लेकिन दीवाल घड़ी पर नज़र बर बस चली ही जाती है सुबह होते ही लगता कालेज
Read Moreउसने कहा “तुम बहुत सुन्दर हो” झूठी तारीफ थी लेकिन उसे सच्ची लगी। इस तरह वह हर बार उसकी तारीफ करता
Read Moreसाधना के कमरे से शास्त्रीय संगीत की स्वर लहरियां वातावरण को आनन्दमय बना रही थीं। मैं उसमें डूब कर मानों
Read Moreपत्र साल दो हजार बीस के नाम… समय- मध्य/ नवम्बर /2020 आदरणीया साल 2020 ,
Read Moreघड़ी की सुई एक बजा रही थी ,नींद आँखों से कोसों दूर ।बावड़ा मन किसी निश्चय की घड़ी की तलाश
Read Moreजया की बेटी जयंती का जन्मदिन था। रात्रि में बारह बजे व्हाट्सएप स्टेटस नहीं डाला। फेसबुक पर भी कुछ पोस्ट
Read More