उपन्यास : शान्तिदूत (पांचवीं कड़ी)
कृष्ण फिर पुरानी यादों में खो गये। मथुरा से सभी यादवों को निकालकर सुरक्षित द्वारिका पहुंचाना बहुत कठिन कार्य था।
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Read Moreसम्राट पांडु के बारे में सोचते हुए श्री कृष्ण उदास हो गये। नियति का कैसा क्रूर खेल था कि कुरुवंश
Read Moreविराट नगर में अपने कक्ष में लेटे हुए कृष्ण की विचार श्रृंखला आगे बढ़ी। जब राजमाता सत्यवती ने समझ लिया
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Read Moreवासुदेव कृष्ण की आँखों में नींद नहीं थी। इतिहास एक निर्णायक मोड़ पर खड़ा था। विगत के कालखंड का आगत
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