कुण्डलिया छंद, चित्र अभिव्यक्ति
ऊपर के चित्र पर आधारित कुंडलिया छंद माँ बसंत मैं देख लूँ, आई तेरी कोख देख पतझड़ आयगा, नवतरु पल्लव शोख़
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Read Moreआज का छंद है मत्तगयंद/मालती सवैया 211 211 211 211 211 211 211 22 मोहन मान बिना कब आवत नाचत
Read Moreनमामि वंदना गुरु— ============================ पंच चामर छ्न्द ========================== मापनी =१२ १२ १२ १२ – १२ १२ १२ १२ ================================ नमामि
Read Moreमनहरण घनाक्षरी छंद 1. छाये रहे घनश्याम, आये नहीं घनश्याम जाने किस ओर गये, जाने कहाँ बरसे अमिय प्रेम सागर,
Read Moreपञ्च-चामर छन्द में लघु -दीर्घ [१२ x ८ =24] होते हैं, सोलह १६ वर्ण यति ८, ८ होता है मापनी=12
Read Moreताटंक छंद—-१६ +१४=३० मात्रा के गाल अंत २२२ मगण से होता है वैलेंटाइन ड़े दुनियाँ मे – प्रेम तरंग उठाया
Read Moreनयनों में प्यास लिए, मुख मृदु हास लिए चहकत झूम झूम जैसे हो कजरिया । मधुमाती अबला सी, रसवंती सबला
Read Moreपल में उमड़ी मन में उमड़ी, सबके दिल को पहचान गई। जग जीत गई मन डोल उठा रस प्रीति लसे
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