गजल
कम भी नहीं है हौसले गिर भी पड़ी तो क्या हुआ है जिन्दगी के सामने बाधा खड़ी तो क्या हुआ।
Read Moreगीत काव्य, मात्रा भार- 14, नदिया किनारे गाँव रे कहीं ऊँच कहीं खाँव रे चकवी चकवा गुटुरावें झुंगी झाड़ी झनकाव
Read Moreवो मजे में चूर हैं, बस इसलिए मग़रूर हैं हम मजे से दूर हैं, बस इसलिए मजदूर हैं आज भी
Read Moreतेरे आने से मन चहकने लगे। हो न ऐसा कि तू बहकने लगे। नाम की तेरे चुड़ियाँ पहनू हो न
Read Moreबहर २१२२ १२१२ २२ काफ़िया- आ रदीफ़- देना ख्वाब आए नहीं जगा देना। प्यास दिल की मिरे बुझा देना। रात
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