ग़ज़ल
बेसबब वह वफ़ा नहीं करते । खत मुझे यूँ लिखा नहीं करते ।। है मुहब्बत से वास्ता कोई । उसके
Read Moreबोलते हैं झूठ लेकिन सच बताते हैं सभी सच यही है झूठ के गुणगान गाते हैं सभी जानता हूँ बोलता
Read Moreरोता और रुलाता क्यूँ है आँसू रोज बहाता क्यूँ है इतना दर्द दबाकर दिल में महफिल में मुस्काता क्यूँ है
Read Moreकभी गर्दिशों से दोस्ती कभी गम से याराना हुआ चार पल की जिन्दगी का ऐसे कट जाना हुआ इस आस
Read Moreशहर की गलियों में चर्चा आम होने लगा है। एक तेरे नाम से अब मेरा नाम होने लगा है ।।
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