मुक्तक
हम अब खुद पर वार करेंगे लोगो का उद्वार करेंगे तेरे हिज्र का मातम कब तक इसको अब त्योहार करेंगे
Read Moreभारतेन्दु हरिश्चंद्र जी की, कलम रचे वो छंद। खुल जायें सब द्वार दिमागी, जो थे पहले बंद।। हो कोई चौपट
Read Moreशिक्षा मंदिर में जला, सदा ज्ञान का दीप । मोती गढ़ते रात दिन, बना स्वयं को सीप बहते शिक्षक हर दिशा,
Read Moreउबल रहे रिश्ते सभी, भरी मनों में भांप ! ईंटें जीवन की हिली, सांस रही हैं कांप !! बँटवारे को
Read Moreलिखा स्वयं जिसने मुझे, जिससे मेरा नाम। उस मां के श्रीचरण में,अपना पावन धाम।।01 माँ निज सुत को चूँमती, करती
Read Moreपितृ पक्ष में कीजिए अपने पुरखों को याद, श्रद्धा भक्ति से कीजिए, अर्पण तर्पण आज। गाय को चारा देवें, कौओं
Read Moreगुरु महिमा सबसे बड़ी, गुरु से बड़ा न कोय l गुरु बिनु ज्ञान मिले नहीं, सो गुरु पूजन होय ll
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