ग़ज़ल – क्यों करते हो
जिंदगी जिंदाबाद है फिर मरने की बात क्यों करते हो ऐ! कायरों की तरह आसूं की बरसात क्यों करते हो!
Read Moreजिंदगी जिंदाबाद है फिर मरने की बात क्यों करते हो ऐ! कायरों की तरह आसूं की बरसात क्यों करते हो!
Read Moreखूबसूरत झुकी पलकें तुम्हारी सीप लगती हैं किसी नीले समंदर की छोटी सी झील लगती है, न जाने क्यों तमन्ना
Read Moreअजब-गजब जग, नर छल मत कर, धरम-करम कर, जनम सफल कर । यह तन, मन,धन,जल,थल, परबत, सब अब रब कर,
Read Moreध्यानचंद के फ़ेवर में मजबूत लॉबी और पॉलिटिकल पॉवर होती, तो निश्चितश: उन्हें ‘भारत रत्न’ मिल गयी होती ! ••••••
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