उम्मीद
उम्मीदों के चिराग जलाए रखिए हवा अभी कुछ तेज है चिरागों को इससे बचाएं रखिए चिरागों की लौ न बुझे
Read Moreसंकट की इस महा घड़ी में मिलकर हाथ बटाओ, हिंदु-मुस्लिम,सिखादि से पहले मानव कहलाओ । जो खाकी पर थूक रहे
Read Moreमैं दीया हूँ , उजाले का वंशधर , जब तक प्राण वर्तिका घोर तम से लडूँगा । मैं दीया हूँ
Read Moreसदी के इस काल खण्ड में पूछा जाना चाहिए कि क्यों लौट रहे हैं वे जो आये थे दो
Read Moreरंग मंच के पात्र निभाकर, निज किरदार चले जाएंगे। कौन यहाँ रहने वाला है, सब उस पार चले जाएंगे।। मिलन
Read Moreसात अंक का फेर है क्या , यह तो ईश्वर ही जाने सात जन्म के साथी को साथी पल में
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