कविता – बदलते चेहरे
कितने चेहरे बदलोगे दिन में अलग रात में अलग तुम कितने चेहरे बदलोगे इंसान हो कि गिरगिट हो पल पल
Read Moreकितने चेहरे बदलोगे दिन में अलग रात में अलग तुम कितने चेहरे बदलोगे इंसान हो कि गिरगिट हो पल पल
Read Moreतुम्हें बस ख़बर ही नहीं है वर्ना गुनाह यहाँ रोज़ होता है इस हुश्न की चारागरी में तो इश्क़ तबाह
Read Moreइनका यह संसार सुख, भीग रहा फल-फूल। क्या खरीद सकता कभी, पैसा इनकी धूल॥ पैसा इनसे धूल, फूल खिल रिमझिम
Read Moreमैं क्या मिरी आरज़ू क्या लाखों टूट गए यहाँ तू क्या तिरी जुस्तजू१ क्या लाखों छूट गए यहाँ चश्म-ए-हैराँ२ देख
Read Moreरात का सफर है, मुसाफिर बेखबर न होना। है दूर अभी मंज़िल, मीठी नींद नही सोना। करने को काम कितने,
Read Moreराखी का त्यौहार लगता है प्यारा भाई- बहन का प्यार होता है सबसे न्यारा सबसे सच्चा रिश्ता होता है भाई
Read Moreघर से निकलो वीर जवानों , रहा पत्ता -पत्ता बोल रहा | जर्रा -जर्रा -परेशान है , शेष नाग है
Read Moreखुशी के कारण बहुत मिलेंगे कभी किसी की खुशी का कारण बनो, जो बांटोगे वही मिलेगा दुख बांटो या सुख
Read Moreकायनात सारी मिल जायेगी, एक पहल तो करनी होगी समझना होगा, दुनिया की चाल को, बदलना होगा, खुद से
Read More