आओ,सोये हुए सपनों परपंख लगाते हैंतोड़ते हैं कसी बेड़ियाँथोड़ी दौड़ लगाते हैंभागते हुए समय के साथअसंभव भी नहीं हैं फिर
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Read Moreदिखावे का क्यू ,मना रहे महिला दिवस ।सब ने महिलाओं को, बना लिया सहस ।।महफूज नही बहु बेटी, फिर कैसा
Read Moreनारी है नारायणी ,ममता की मूर्ति है|दुर्गा,लक्ष्मी का रूप,नारी शक्ति महान है| नारी तेरे रूप अनेक,दया,करुणा की खान है|घर में
Read Moreनारियों के अरमानगिर जाते हैं कट कट करजैसे लकड़ी का बुरादा,गिरता रहता है कट कट बिना दर्द,थोड़ी बड़ी क्या हुई
Read Moreयहां झूठ का बोलबाला हैसच्चाई की होती हार हैमानवता जहां नष्ट होती हैयह कलयुग ही तो है रिश्तें का कोई
Read More(१)सरोवर की इन बन्दिशों में भीअजब सा प्रेम सौन्दर्य भर रहा है।ख्वाबों के इस शहर ने मुझे भी,अपने अनुभवों के
Read Moreसदियों से जुल्म सहे हैंवो बदस्तूर अभी भी है जारीअपने वजूद की तलाश मेंक्यों भटक रही है अभी भी नारी
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