छूट गया
दिल ही तो था टूट गया ,अपने हाथों छूट गया। जिस नसीब पे नाज रहा ,वही राह में रूठ गया।
Read Moreयुद्ध की आहट से लौटते कदम,वो वीर, जो सीमाओं का श्रृंगार हैं,छुट्टियों से अपने कर्तव्य की ओर,बिना आरक्षण, बिना थके,
Read Moreनाम में एक शक्ति है,एक गर्व, एक पहचान,मांग का सिंदूर, रक्षा का प्रण,धधकते सूरज सा वीरता का सम्मान। यह सिर्फ
Read Moreकल तक बैठे कोस रहे थे, जो राफेल की ताक़त को,बिल के अन्दर छिपे देख, राफेल से आयी आफ़त को।दिखा
Read Moreये मत सोचा करो कि मिलेंगे ख़यालात,उन्हें पास आने दो हम पूछेंगे सवालात।बस एक बार दोस्ती का हाथ ही बढ़ाना,कोई
Read Moreहमसे क्यों दूर हो आओ बाँसुरी,अभी होंठों की प्यास हैं अधूरी।तुम्हारे बगैर हरेक गीत अधूरा है,गीत नहीं लिखा फिर भी
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