अधजल गगरी क्यों छलकत जाय ?
जहाँ मित्रता है, वहीं मतभेद है, पर मित्रो से ही क्यों किसी से भी मनभेद मत रखिये, मत पालिए !
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Read Moreआरुषि बचाओ, हत्यारे कौन ? सब मौन ! कहना है, 92 वर्षीय पुरुष का ‘मीटू’ से शिकायत ! लगता है,
Read Moreमोटापा न तो रोग है, ना ही आनुवंशिक या प्राकृतिक विपदा ! यह खुद के असंयमित जीवनचर्या से होता है
Read Moreन भाजपाई हूँ, न कांग्रेसी ! न कामरेड, न बसपाई, न केजरीवाई ! न लालूआई, न मुलायमलाई ! चाय-नाश्ते छोड़े
Read Moreकहते है माँ का कर्ज कभी उतर नहीं सकता है, सच ही तो है। नौ माह गर्भ में सहेजती कल्पनाओं
Read Moreमत हो उदास… तेरे आस पास, ये जो माहौल बना है, माना अंधियारा घना है, छंट जायेगा। बुरा वक्त है,
Read Moreहमसे हर बात का हिसाब मांगता है हमारे हर कर्म का जबाव मांगता है। अहंकार के वंश में आकर हमने
Read Moreअभी रात का घना अंधेरा फिर तो वहीं सबेरा होगा झूमेंगे फिर वृक्ष हवा में पंछी का वही बसेरा होगा
Read Moreरिश्तों के नाम तो कई है, पर माँ होना आसान नही है!! अपने सारे सपनों को त्यागकर, सबके साथ खुश
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