/ कर्तव्य /
घंटिकाएँ अब चारों ओर बजने लगीं करोना का विकराल नृत्य थमने का नाम नहीं ले रहा भौतिक दूरी से अलग
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Read Moreआया जब से देश में, हैं कोरोना सभी मायूस,ख़ामोश , सतर्क रहने लगे जब तक दवाएं न थी, सब दुआओं
Read Moreवक्त की दौड़ में वक्त की हौड़ में सब कुछ बहता चला जा रहा है। सिवाए मेरे हृदय में खनखनाती
Read Moreयह कैसी महामारी है आई चारों तरफ तबाही है लाई अच्छे अच्छे लोग भी चले गए दे न सके जिनको
Read Moreमेरे अनुज के शब्दों में- मुझे मूक प्राणी से काफी प्यार है, जैसे- पशु, पक्षी आदि । बात उस समय
Read Moreये कैसा दौर चल रहा है श्रद्धांजलि की श्रद्धा भी जैसे रेल हो रहा है, कोरोना एकाध या कभी कभार
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