कविता
ह्यूमन मेटा न्युमो वायरस डर आपका बना हुआउथल पुथल सी मची हुई मानव संग्राम है छिड़ा हुआ।स्वदेशी अपनाकर हम सब
Read Moreसूरज की किरणे आंखे खोलमंद मंद मुस्कुरा रहीसुंदर जगत के आगमन सेमन प्रफुल्लित हो उठा गगनभैरों भी फूलों से लिपटेपक्षी
Read Moreभारतवासी हैं हम अपना ध्वज ऊंचा शान से फहरायेंगे,गणतंत्र दिवस प्यारा राष्ट्रीय पावन पर्व अपना मनाएंगे,देश हमारा सबसे प्यारा और
Read Moreप्यास तो थी मीठी दरिया की पर खारा आंसू पी लेते हैंकठिन बहुत है जीना तुम बिन फिर भी जैसे
Read Moreसंविधान में संजोये गए सभी मूलमंत्र का,चलो सब मिल गाते हैं गीत गणतंत्र का,न रहा कोई रंक और न रहा
Read Moreउठो देश के लोगोंखुद के अधिकारों कोज़रा एक बार पहचानो।निकलकर झूठे किरदारों सेखुद के व्यक्तित्व कोज़रा एक बार निखारो।सत्ता सत्ताधारियों
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