कविता
मैने तो सोचा था वो खत्म हो गए हैं अब मैने तो मार दिया था उनको उनके ही घर
Read Moreमेरे पास कुछ नहीं था अपना बस दो चीजें लेकर जीवन में चली एक थी मुस्कुराहट और एक थी दुआ
Read Moreसमस्त जय विजय पत्रिका के सदस्यों को नववर्ष मंगलमय हो नूतन आस हो,दृढ विश्वास हो,खुशियों से हो सामना। नववर्ष मंगलमय
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