सरोज स्मृति : मृत्यु भी नृत्य है !
मृत्यु भी नृत्य है, मृत्यु तो जीवन है नहीं ! शिव के तांडव नृत्य के बाद मृत्यु तय है !
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Read Moreजीवन पथ पर, पथिक है चलना।राह में राही, सबसे है मिलना।पथिक तो आते, जाते रहते,रूकना नहीं, है अविरल चलना। आधा
Read Moreबूँद बरसा दो मन हरसा दो गगन हो मगन धरा सरसा दो गिरी श्रृंगार धरें दिशा टंकार करें सर छुएं
Read Moreये प्रकृति कुछ कहती है खुद को ढूबने लगी हूँ मैं हर वक्त चल रही थी, हर वक्त सम्भल रही
Read Moreएक दुनिया इसी दुनिया में पर इससे बेहतर जहाँ गम कम है जहाँ लोग कम हैं और जो कम लोग
Read Moreएक तरस जो ख्वाबों में जीकर बर्बाद किये वक्त अनजान थे कितने जिंदगी की इस उठा-पटक से या एक घृणा
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