बेजुबान हथिनी
प्रेम, दया, करुणा रखने का तुम कैसा पाठ पढ़ाते हो या फिर आत्म क़सीदे गढ़के खुद को श्रेष्ठ बताते हो
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Read Moreमुझ पर एक अहसान जताओ मुझ पर तुम कोई जुर्म न ढ़हाओ मेरे इस अस्तित्व को कृपया कर तुम ही
Read Moreबोझिल तन आहत मन मौन व्रत वह धरती है। तेजाब पड़ा है श्राप यही साँस गले का फाँस बनी।। दर्द
Read Moreचूहा अगर पत्थर का हो, तो सभी पूजते हैं, मगर जिंदा हो, उसे मारे बगैर हमें चैन कहाँ? सांप अगर
Read Moreआओ मिलकर करें प्रकृति का श्रृंगार, बिन इसके सूना है यह सारा संसार, आओ सभी करते हैं मिलकर वृक्षारोपण, तब
Read Moreडॉ. सदानंद पॉल की 4 महत्वशील कविताएँ……. 1. मदर टेरेसा मदर टेरेसा कोई नहीं उनमें मेरी कॉम बस इक्का-दुक्का लड़कों
Read Moreकेरल में देखो ऐसा अवसर भी आया है, शिव के पुत्र गजराज ने भी स्वयं को निर्बल पाया है। माँ
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