सावन की दस्तक
पपीहा की पियू पियू सायं सायं चलती हवाएं पेड़ों का टूट टूट बिखरना हवा की ठंडक आसमां में धमा चोकड़ी
Read Moreपपीहा की पियू पियू सायं सायं चलती हवाएं पेड़ों का टूट टूट बिखरना हवा की ठंडक आसमां में धमा चोकड़ी
Read Moreएक रिश्ता जो तारीख से उपजा कैलेंडर पर बड़ा हुआ समय के साथ उम्रदराज़ हुआ एक रिश्ता जो मन की
Read Moreस्याह है, रात है कोई तो बात है अंधेरों को चीरती सन्नाटों को घेरती कैसी आवाज है ? सिसक रहा
Read Moreबादलों की ओट कराती पल-पल इंतजार लगता चंद्रमा के रुख पे डाल रखा हो बादलों ने नकाब । इंतजार के
Read Moreरुख हवाओ का मोड़ने, गुरुर आंधियो का तोड़ने निकला हूँ, धार कलम की तेज किये , मै देश बदलने निकला
Read Moreजब तुम चिठ्ठी लिखा करते थे सच में उलझन रहता था, खामोशियो में इंतजार चिठ्ठी की कई दिनों तक करता
Read Moreमैं दरख़्त हूँ आप चाहें नाम भले ही कोइ भी दे दें चाहें तो नीम, बरगद, पलाश या फिर पारिजातक
Read Moreहुनर कितने हालात की भट्टी में , जल रहे , संभावनाएं कितनी ही , बेढ़ंगे नियम निगल रहे , प्रशासन
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