मां का आंचल
जब मेरा मन उदासी के भंवर में गोते लगाता है तब मुझे वह आंचल की याद आ जाती है जिसमें
Read Moreजब मेरा मन उदासी के भंवर में गोते लगाता है तब मुझे वह आंचल की याद आ जाती है जिसमें
Read Moreसांझ ढल गई बिस्तर छोड़ बैठ गया घर की बालकनी में फुर्सत के है यह क्षण सोचा कैसे इनको बिताऊं
Read Moreतेरी यादें क्यों राख नहीं होती सुलगती चिंगारी बनकर दिल को तपाए रखती है ये यादें समझती क्यों नहीं वक्त
Read Moreबहारों में खिल रही उनकी मुस्कान मानो एक चांद इस जहां पर भी
Read Moreसंभव विडम्बना भी साथ है मेरे
Read Moreइंतजार के पल अब गुजारे नहीं गुजरते हैं, हर घड़ी हम सिर्फ़ तुमको याद करते हैं। मूंद लेते हैं अक्सर
Read Moreजा रही अब गाँव झुनिया । एक गठरी शीश पर है, देह दुर्बल पाँव भारी, काँख मुन्ना को दबाए, एक
Read Moreकुछ तारे आसमां पर और कुछ धरा पर हैं उतर आये, मानो अमावस की काली रात में धरती पर टिमटिमाये,
Read More